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Tax Saving Tips: मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स सेविंग की प्लानिंग अभी से शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि ये अंतिम समय में भीड़ से बचाता है. आप अपने वित्त वर्ष के दौरान सैलरी या इनकम से टैक्स कटौती पर देनदारी और छूट के हिसाब से तय कर सकते हैं कि कितने तक के टैक्स छूट की आवश्यकता है. आप कुछ टैक्स सेविंग योजनाओं या अन्य माध्यमों में पैसा निवेश करके टैक्स पर छूट पा सकते हैं. हालांकि अगर आप निवेश के अलावा टैक्स बचाना चाहते हैं तो यहां बताया गया है कि कैसे टैक्सपेयर्स कुछ खर्च पर टैक्स की बचत कर सकते हैं.
पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान में कुछ खर्च करने या कुछ निवेश करने के माध्यम से कटौती या छूट का दावा करने की अनुमति दी जाती है. कुछ खर्च पर टैक्सपेयर्स बिना किसी परेशानी और एक्स्ट्रा निवेश के टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. आइए जानते हैं किन खर्चों के तहत टैक्सपेयर्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.
धारा 16(IA)के तहत मानक कटौती
वेतन से आय कमाने वाले सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को धारा 16 (IA) के तहत 50 हजार रुपये तक की कटौती की अनुमति दी जाती है.
सेक्शन 80TTA और 80TTB के तहत ब्याज की कटौती
बैंक में जमा राशि पर ब्याज मिलता है. धारा 80TTA के तहत अधिकतम कटौती 10 हजार रुपये तक का दावा कर सकता है. इसके अलावा, 60 साल और उससे ज्यादा आयुक के निवासी वरिष्ठ नागरिकों के मामले में न केवल ऐसी कटौती धारा 80टीटीबी के तहत 50,000 रुपये तक ले सकते हैं.
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान
जीवन बीमा व्यक्तियों द्वारा खुद के साथ-साथ अपने परिवार के लिए किया जाने वाला एक सामाजिक सुरक्षा लाभ है. परिवार में खुद, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा योगदान करने वाले टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
मेडिक्लेम प्रीमियम पेमेंट पर छूट
मेडिकल महंगाई और महामारी से ज्यादातर लोगों ने मेडिकल बीमा कराना शुरू किया है. किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं, पति या पत्नी, आश्रित बच्चों या माता-पिता के लिए चिकित्सा बीमा या केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना/अधिसूचित योजना में योगदान के संबंध में भुगतान किए गए मेडिक्लेम प्रीमियम पर 80डी के तहत 25,000 रुपये और सीनियर सीटिजन के मामले में 50 हजार रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है. इसके अलावा हेल्थ चेकअप पर 5 हजार रुपये तक की छूट दी जाती है.
सेक्शन 80GG के तहत भुगतान किए गए किराए पर कटौती
मकान किराया भत्ता पाने वाले व्यक्ति आईटी अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत छूट का दावा कर सकते हैं. हालांकि वे व्यक्ति जिन्हें मकान किराया भत्ता नहीं मिल रहा है, लेकिन फिर भी किराया भुगतान कर रहे हैं, वह आईटी की धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ उठा सकते हैं.
यात्रा पर छूट का दावा
छुट्टियों के समय ज्यादातर लोग परिवार के साथ घूमने का प्लान करते हैं. ऐसे में यात्रा पर किए गए खर्च पर कटौती का दावा किया जा सकता है. यह छूट धारा 10(5) के तहत ली जा सकती है.
होम लोन पर रिपेमेंट
संपत्ति खरीदने के लिए होम लोन का लेना एक आम विकल्प है. व्यक्तिगत करदाता भी धारा 24(बी) के तहत होम लोन पर ब्याज का दावा कर सकते हैं. ऐसी ब्याज कटौती दो लाख रुपये तक सीमित है. इसके अलावा, करदाता आईटी अधिनियम की धारा 80सी के तहत रिपेमेंट के मूल घटक की कटौती का दावा कर सकते हैं.
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