अब 6 दिन स्कूल नहीं आए छात्र तो घर पहुंचेंगे टीचर…ऐसे बढ़ायी जाएगी स्कूलों में अटेंडेंस


लखनऊ के परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत इस तरह योजना बन रही है कि अगर कोई छात्र कुछ दिनों तक लगातार एब्सेंट रहे तो इस बारे में उसके पैरेंट्स से बात की जाए. साथ ही अगर ये अनुपस्थिति और लंबी खिंचती है तो पैरेंट्स से पहले फोन पर बात की जाएगी और बाद में टीचर उनके घर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा भी तमाम तरीके अपनाए जा रहे हैं ताकि स्कूलों में छात्रों की अटेंडेंस बढ़ायी जा सके.

घर पहुंचेंगे टीचर

अभी परिषदीय स्कूलों में हर रोज तकरीबन 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स आ रहे हैं. बाकी के छात्रों को भी स्कूल बुलाने की कवायद तेज कर दी गई है. इसके अंतर्गत योजना बनाई गई है कि कोई छात्र तीन दिन तक लगातार स्कूल न आए तो अभिभावकों से फोन पर बात की जाए. वहीं 6 दिन तक लगातार स्कूल न आने पर शिक्षक उसके घर जाएंगे.

अगर ये है स्कूल न आने की वजह

टीचर घर जाकर देखेंगे कि स्कूल न आने की वजह क्या है. अगर छोटे भाई-बहनों की देखभाल के कारण बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है तो उसके भाई-बहनों को आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रवेश कराया जाएगा. इसके लिए तमाम स्कूलों के कैम्पस में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूलों में बदला गया है.

अगर खेती या घर के दूसरे कामों की वजह से बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है तो टीचर उसके पैरेंट्स को समझाएंगे कि स्कूल और शिक्षा का क्या महत्व है. ऐसे में बच्चों को और उनके अभिभावकों को स्कूल की महत्ता समझाकर रोज स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

इनका होगा सम्मान

स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए बच्चों को हर तरह से प्रेरित किया जा रहा है. इसके तहत हर विकासखंड के ऑफिस में लगे बोर्ड पर उस ब्लॉक के पांच ऐसे स्कूल और उनके प्रिंसिपल का नाम लिखा होगा, जहां सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स प्रेजेंट होते हैं. इतना ही नहीं हर महीने होने वाली ब्लॉक और जिला लेवल की मीटिंग्स में इन स्कूलों के प्रिंसिपल को सम्मानित किया जाएगा. 

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