<p>पिछले कुछ महीने से शेयर बाजार में आईपीओ की बहार चल रही है. खासकर 2023 के अंतिम कुछ महीनों के दौरान तो ताबड़तोड़ आईपीओ देखने को मिले. इस साल भी आईपीओ का सिलसिला शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में नए जमाने की कई कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं. नए जमाने की कई कंपनियां फंड जुटाने के लिए शेयर बाजार का रुख कर रही हैं.</p>
<h3>आसान हो सकते हैं लिस्टिंग के नियम</h3>
<p>नई कंपनियां यानी स्टार्टअप के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग आसान नहीं है. ऐसी कंपनियों को लिस्टिंग में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि बाजार में चल रही आईपीओ की बहार के बीच सेबी से एक ऐसा अपडेट सामने आया है, जो स्टार्टअप कंपनियों के लिए शानदार साबित हो सकता है. दरअसल बाजार नियामक सेबी के एक पैनल ने नई कंपनियों के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग के प्रावधानों को आसान व सरल बनाने का सुझाव दिया है.</p>
<h3>स्टार्टअप को होती है ये दिक्कत</h3>
<p>स्टार्टअप यानी नई कंपनियों के प्रमोटर्स के सामने सबसे बड़ी दिक्कत फंड की होती है. एंजल फंडिंग व अन्य फंडिंग राउंड की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं चल रही है, जिसे ग्लोबल स्टार्टअप फंडिंग विंटर भी कहा जा रहा है. ऐसे में शेयर बाजार फंड जुटाने का सबसे अच्छा विकल्प बन जाता है. अगर सेबी एक्सपर्ट कमिटी के हालिया सुझावों पर अमल करता है तो नई कंपनियों के लिए शेयर बाजार की राहें और आसान हो जाने वाली हैं.</p>
<h3>सेबी पैनल ने दिए ये सुझाव</h3>
<p>सेबी पैनल का कहना है- ऐसा देखा गया है कि स्टार्टअप कई बार आईपीओ लॉन्च नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी पहले ही बहुत कम रह जाती है. अभी आईपीओ लाने के लिए कम से कम 20 फीसदी प्रमोटर कंट्रीब्यूशन अनिवार्य है. चूंकि स्टार्टअप के प्रमोटर्स विभिन्न फंडिंग राउंड में पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेचे होते हैं, कई बार आईपीओ की इस मौजूदा शर्त का पालन करना उनके लिए संभव नहीं रह जाता है. इसके लिए पैनल ने सुझाव दिया है कि पोस्ट-ऑफर इक्विटी शेयर कैपिटल में 5 पर्सेंट या उससे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाला कोई भी नॉन-इंडिविजुअल शेयरहोल्डर प्रमोटर के कम पड़ रहे हिस्से की भरपाई कर सकता है.</p>
<h3>एसके मोहंती की अगुवाई में पैनल</h3>
<p>बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ को लेकर नियमों में जरूरी बदलाव प्रस्तावित करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित की थी. कमिटी का चेयरमैन एसके मोहंती को बनाया गया था, जो सेबी के एक पूर्व पूर्णकालिक सदस्य हैं. मोहंती कमिटी ने आईपीओ को लेकर इसके अलावा भी कई अन्य सुझाव बाजार नियामक को दिए हैं.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title="नवंबर में भी बढ़ा भारत का औद्योगिक उत्पादन, आईआईपी में आई करीब ढाई फीसदी की तेजी" href="https://www.abplive.com/business/indias-index-of-industrial-production-grows-by-2-4-per-cent-in-november-2023-iip-data-2584033" target="_blank" rel="noopener">नवंबर में भी बढ़ा भारत का औद्योगिक उत्पादन, आईआईपी में आई करीब ढाई फीसदी की तेजी</a></strong></p>
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अब शेयर बाजार में आसान हो जाएगी नई कंपनियों की लिस्टिंग, सेबी के पैनल ने दिया ये सुझाव
<p>पिछले कुछ महीने से शेयर बाजार में आईपीओ की बहार चल रही है. खासकर 2023 के अंतिम कुछ महीनों के दौरान तो ताबड़तोड़ आईपीओ देखने को मिले. इस साल भी आईपीओ का सिलसिला शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में नए जमाने की कई कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं. नए जमाने की कई कंपनियां फंड जुटाने के लिए शेयर बाजार का रुख कर रही हैं.</p>
<h3>आसान हो सकते हैं लिस्टिंग के नियम</h3>
<p>नई कंपनियां यानी स्टार्टअप के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग आसान नहीं है. ऐसी कंपनियों को लिस्टिंग में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि बाजार में चल रही आईपीओ की बहार के बीच सेबी से एक ऐसा अपडेट सामने आया है, जो स्टार्टअप कंपनियों के लिए शानदार साबित हो सकता है. दरअसल बाजार नियामक सेबी के एक पैनल ने नई कंपनियों के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग के प्रावधानों को आसान व सरल बनाने का सुझाव दिया है.</p>
<h3>स्टार्टअप को होती है ये दिक्कत</h3>
<p>स्टार्टअप यानी नई कंपनियों के प्रमोटर्स के सामने सबसे बड़ी दिक्कत फंड की होती है. एंजल फंडिंग व अन्य फंडिंग राउंड की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं चल रही है, जिसे ग्लोबल स्टार्टअप फंडिंग विंटर भी कहा जा रहा है. ऐसे में शेयर बाजार फंड जुटाने का सबसे अच्छा विकल्प बन जाता है. अगर सेबी एक्सपर्ट कमिटी के हालिया सुझावों पर अमल करता है तो नई कंपनियों के लिए शेयर बाजार की राहें और आसान हो जाने वाली हैं.</p>
<h3>सेबी पैनल ने दिए ये सुझाव</h3>
<p>सेबी पैनल का कहना है- ऐसा देखा गया है कि स्टार्टअप कई बार आईपीओ लॉन्च नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी पहले ही बहुत कम रह जाती है. अभी आईपीओ लाने के लिए कम से कम 20 फीसदी प्रमोटर कंट्रीब्यूशन अनिवार्य है. चूंकि स्टार्टअप के प्रमोटर्स विभिन्न फंडिंग राउंड में पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेचे होते हैं, कई बार आईपीओ की इस मौजूदा शर्त का पालन करना उनके लिए संभव नहीं रह जाता है. इसके लिए पैनल ने सुझाव दिया है कि पोस्ट-ऑफर इक्विटी शेयर कैपिटल में 5 पर्सेंट या उससे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाला कोई भी नॉन-इंडिविजुअल शेयरहोल्डर प्रमोटर के कम पड़ रहे हिस्से की भरपाई कर सकता है.</p>
<h3>एसके मोहंती की अगुवाई में पैनल</h3>
<p>बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ को लेकर नियमों में जरूरी बदलाव प्रस्तावित करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित की थी. कमिटी का चेयरमैन एसके मोहंती को बनाया गया था, जो सेबी के एक पूर्व पूर्णकालिक सदस्य हैं. मोहंती कमिटी ने आईपीओ को लेकर इसके अलावा भी कई अन्य सुझाव बाजार नियामक को दिए हैं.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title="नवंबर में भी बढ़ा भारत का औद्योगिक उत्पादन, आईआईपी में आई करीब ढाई फीसदी की तेजी" href="https://www.abplive.com/business/indias-index-of-industrial-production-grows-by-2-4-per-cent-in-november-2023-iip-data-2584033" target="_blank" rel="noopener">नवंबर में भी बढ़ा भारत का औद्योगिक उत्पादन, आईआईपी में आई करीब ढाई फीसदी की तेजी</a></strong></p>
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